जयपुर : पतंगबाजी को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने की अपील, सोशल मीडिया पर कही अपने मन की बात
By: Ankur Tue, 12 Jan 2021 11:03:19
मकर संक्रांति पर्व के लिए अब केवल 3 दिन शेष बचे हैं। अभी से जयपुर शहर में मांझे से गर्दन, नाक, आंख कटने के मामले सामने आ रहे हैं। राजधानी जयपुर में ही कल दो बड़े हादसे हुए हैं। इसमें सांस की नली कटने और आंखों की पलके कटने जैसी दर्दनाक घटनाएं हुई। इन सबको देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरवासियों से अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए पतंगबाजी के दौरान सावधानी बरतने और दुपहिया वाहन चालकों को विशेष सुरक्षा व्यवस्था अपनाने के लिए कहा है।
स्कूटर और बाइक पर फुल कवर हैलमेट लगाएं एवं गले को मफलर या स्कार्फ से अच्छी तरह ढंक लें। बच्चों को दोपहिया वाहन पर आगे ना बिठाएं एवं वाहन धीमी रफ्तार में चलाएं। पतंग उड़ाते समय छत की सीमा का ध्यान रखें एवं सुबह 6 से 8 और शाम के 5 से 7 बजे के बीच पतंग ना उड़ाएं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 11, 2021
2/2
मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा कि पतंग उड़ाने के दौरान छत से गिरने और मांझे से दुर्घटना होने के मामले सामने आए हैं। पतंग उड़ाने के सभी शौकीन अपनी और दूसरों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नहीं करें। साथ ही आमजन भी सड़क पर पैदल या दोपहिया वाहन चलाते समय सतर्कता बरतें। स्कूटर और बाइक पर फुल कवर हेलमेट लगाएं और गले को मफलर या स्कार्फ से अच्छी तरह ढंक लें। बच्चों को दोपहिया वाहन पर आगे ना बिठाएं एवं वाहन धीमी रफ्तार में चलाएं।
पतंग उड़ाने के दौरान छत से गिरने और मांझे से दुर्घटना होने के मामले सामने आए हैं।पतंग उड़ाने के सभी शौकीन अपनी और दूसरों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई की जाएगी।आमजन भी सड़क पर पैदल या दोपहिया वाहन से चलते समय सतर्कता बरतें
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 11, 2021
1/2
आपको बता दें कि हर साल मकर संक्रांति पर जयपुर में पतंगबाजी के कारण मांझे से दुर्घटनाएं होती हैं। दुपहिया वाहन चालकों के मांझे से कटने, पक्षियों के कटने, मरने की घटनाएं होती हैं। जयपुर में गत वर्ष मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान करीब 300 लोग घायल हो गए थे, जिसमें से 5 दर्जन लोगों को तो उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ा था। इसके अलावा 2 लोगों की मौत भी हो गई थी। वहीं 600 से ज्यादा पक्षी मांझे से घायल हो गए थे। इन सबको देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग और निजी स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से शहर में हर साल जगह-जगह कैंप लगाकर घायल पक्षियों का इलाज भी किया जाता है।
ये भी पढ़े :
# जोधपुर : किस्तों में चोरी करते हुए नौकर ने लगाया साड़ियों के गोदाम में 12 लाख का चूना
# कोटा : नींद की झपकी बनी मौत का काल, खड़े ट्रक से वैन टकराने पर 1 की मौत 2 घायल
# झुंझुनूं : सुनसान रास्ते पर सौतेले पिता की हवस का शिकार हुई 16 साल की किशोरी
# उदयपुर : सड़क हादसे का कारण बना कोहरा, तीन ट्रेलर की भिड़ंत में सात लोग घायल
# नागौर : स्विफ्ट कार में 1.50 किलो अफीम के साथ पकड़ा गया युवक